एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ. 6 जुलाई 2018
राज्य के गन्ना विभाग की योजनाओं का लाभ पाने के लिए गन्ना किसानों को अब न तो अधिकारियों के चक्कर काटने पडेंगे और न ही बैंकों के। उनकी योजनाओं का लाभ सीधे गन्ना कृषकों को बैंक खाते में जमा होगा।
प्रदेश की पारदर्शी किसान सेवा योजना के तहत सरकार किसानों के अधिक से अधिक पंजीकरण कराने पर जोर दे रही है। डीबीटी योजना का मकसद किसानों को सीधा लाभ पहुंचाया जाना है। प्रदेश सरकार का इस बात पर खासा जोर है कि जिस वर्ग के लिए संबंधित योजना शुरू की जा रही है उस वर्ग को उसका पूरा लाभ मिल सके और बजट का दुरुपयोग भी रूके।
गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि कि गन्ना विभाग की योजना में कोई भी लाभ प्राप्त करने वाले इच्छुक गन्ना कृषकों का आनलाइन पंजीकरण कृषि विभाग की वेबसाइट पर पारदर्शी किसान सेवा योजना के तहत गन्ना विभाग के पोर्टल पर कराना जरूरी है। केन्द्र सरकार की डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर की प्रक्रिया के मद्देनज़र राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, जिला योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लिए त्रुटिरहित पंजीकरण के लिए पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड को ही स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक लाभार्थी का केवल एक बार ही पंजीकरण होगा तथा पंजीकरण की सुविधा पूरे वर्ष भर खुली/उपलब्ध रहेगी। पंजीकरण के समय प्राप्त यूनिक आईडी को लाभार्थी को अपने पास सुरक्षित रखना होगा। पंजीकरण के बाद गन्ना किसान के मोबाइल पर पंजीकरण नम्बर एसएमएस द्वारा प्राप्त होगा। किसान अपने क्षेत्र के गन्ना विकास परिषद-समिति पर जाकर पंजीकरण करा सकते हैं तथा कृषि विभाग की बेवसाइट पर स्वयं या ई-सुविधा केन्द्र पर जाकर आन-लाइन पंजीकरण भी करवा सकते हैं।
गन्ना किसानों को कौन सी सुविधा-लाभ देय है, उसका व्यापक प्रचार प्रसार समाचार पत्रों, विभागीय वेबसाइट, कृषक गोष्ठियों, किसान मेलों, सार्वजनिक स्थलों मे वाल-पेन्टिंग तथा एसएमएस के माध्यम से प्रत्येक किसान तक सचिव, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, जिला गन्ना अधिकारी द्वारा पहुंचाया जाएगा।
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