एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
बदायूँ. 12 जून 2018
मजदूर किसान मंच ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर मजदूरों -किसानों की समस्याओं को शासन -प्रशासन के समक्ष उठाया । प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से ज्ञापन भेजा ।ज्ञापन में चीनी उद्योग को मोदी सरकार द्वारा घोषित 7 हजार करोड रुपया के बेलआउट पैकेज को गन्ना किसानों व चीनी उद्योग के संकट को हल करने में नाकाम बताते हुए गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान कराने को सरकार से चीनी की खरीद कर जनवितरण प्रणाली (पी0डी0एस0) के द्वारा जनता में वितरित कराने की व्यवस्था करने की मांग की गई। मक्का की सरकारी खरीद कराने ,दाल -चीनी व अन्य सभी खाद्यान्नों के आयात पर प्रतिबन्ध लगाने ,निर्माण मजदूरों के पंजीकरण व ग्रामीणों को मनरेगा में 100 दिन काम , हर ग्राम पंचायत में मजदूरों किसानों की सहकारी समिति बनाकर मजदूरों ,किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज, खाद -बीज देने व उसके द्वारा किसानों की हर फसल की सर्मथन मूल्य पर खरीद की गारन्टी करने , पैट्रोल और डीजल को जी0एस0टी0 के दायरे में लाने और किसानों को टैक्स फ्री डीजल देने , कारपोरेट घरानों को दिये कर्जों व उनके राइट आॅफ किये कर्जों को सार्वजनिक कर वसूली करने और मजदूरों – किसानों के बैंकों व सूदखोरों से लिये सभी कर्ज माफ करने , बिजली का निजीकरण बंद करने ,पूंजीघरानों से मंहगी बिजली खरीदने को सरकारी बिजलीघरों को सस्ती बिजली बनाने से रोकने के लिए की जा रही थर्मल बैकिंग बंद करने , बिजली दरों में वृद्धि वापस लेने ,सभी ग्रामीणों को फ्री बिजली देने व घाटे की भरपाई को कारपोरेट घरानों व सरकारी विभागों पर बकाया बिजली बिल की वसूली करने आदि मांगें उठाई गईं ।
प्रदर्शन के दौरान बोलते हुए मजदूर किसान मंच के प्रदेश संयोजक अजीत सिंह यादव ने कहा कि पाकिस्तान से चीनी आयात कर मोदी सरकार ने गन्ना संकट पैदा किया है। गन्ना भुगतान संकट व चीनी उद्योग का संकट सरकार की दोषपूर्ण व्यापार नीतियों का परिणाम है ।देश में पर्याप्त चीनी उत्पादन हुआ फिर भी मोदी सरकार ने पाकिस्तान से चीनी आयात किया जो गन्ना किसानों व चीनी उद्योग के लिए हानिकारक साबित हुआ और गन्ना किसानों का लगभग बाइस हजार करोड रुपया बकाया भुगतान नहीं हो सका है । सरकार द्वारा चीनी उद्योग को घोषित 7 हजार करोड रुपया का बेलआउट पैकेज गन्ना किसानों व चीनी उद्योग के संकट को हल करने में नाकाम साबित होगा। जानकारी मिली है कि अब मोदी सरकार दालों का आयात भी करने जा रही है इससे देश के दाल उत्पादक किसानों को भारी नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि मजदूर किसान मंच की मांग है कि किसानों को बचाने व कृषि संकट को हल करने के लिए सरकार देश के लिए हानिकारक दोषपूर्ण व्यापार नीतियों को वापस ले और दाल -चीनी व अन्य सभी खाद्यान्नों के आयात पर प्रतिबन्ध लगाये।
प्रदर्शन में बोलते हुए मजदूर किसान मंच के मण्डल प्रभारी अनिल यादव ने कहा कि सरकार किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज देने का वादा पूरा करे, हर ग्राम पंचायत में मजदूरों किसानों की सहकारी समिति बनाकर मजदूरों, किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज, खाद -बीज देने व उसके द्वारा किसानों की हर फसल की सर्मथन मूल्य पर खरीद की गारन्टी की जाये व उनके द्वारा खाद्यान्नों को जनवितरण प्रणाली (पी0डी0एस0) के द्वारा जनता में वितरित कराने की व्यवस्था की जाये।
उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार एक देश एक टैक्स की बात करती है तो पैट्रोल और डीजल को जी0एस0टी0 के दायरे में क्यों नहीं लाती ।
प्रदर्शन में अग्नेश पाल, हरिओम, राजाराम शाक्य, आशाराम लोधी, मुकेश कश्यप, सौमेन्द्र, कुलदीप यादव समेत सैकड़ों मजदूरों और किसानों ने भागीदारी की ।