श्री श्री रविशंकर : किसानों में अध्यतम की कमी है उनकी आत्म हत्याओं का कारण

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श्री श्री रविशंकर : किसानों में अध्यतम की कमी है उनकी आत्म हत्याओं का कारण

एग्रीनेशन नेटवर्क 

नई दिल्ली | 29 अप्रैल 2017

18198472_1920053101564371_6352764526636380477_nआर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने  कल मुंबई में कहा कि ‘आध्यात्म’ की कमी किसानों की खुदकुशी का एक कारण है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने विदर्भ के 512 गांवों में पदयात्रा की है और उस आधार पर हम कह सकते हैं कि केवल गरीबी किसानों की खुदकुशी का कारण नहीं है। उनमें आध्यात्म की भी कमी होती है। उन्होने कहा, ‘इसलिए मैं इस क्षेत्र (आध्यात्म) में काम करने वाले सभी लोगों से किसानों तक पहुंचने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि किसानों में आत्महत्या की मनोवृत्ति को खत्म करने के लिए योग और प्राणयाम जरूरी है। वे यहां आयोजित एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में सूखे और कर्ज के कारण 12602 किसानों और कृषि मजदूरों ने आत्महत्या कर ली थी।साल 2014 में कुल  12360 किसानों और कृषि मजदूरों ने आत्महत्या की थी। साल 2014 और 2015 दोनों ही साल देश के बड़ा हिस्सा सूखे से प्रभावित रहा। देश के कई बड़े राज्यों को सूखा पीड़ित घोषित किया गया। इन मौतों में करीब 87.5 फीसदी केवल देश के सात राज्यों में हुई हैं। आत्महत्या के मामले में सबसे ज्यादा खराब स्थिति महाराष्ट्र की रही। राज्य में साल 2015 में 4291 किसानों ने आत्महत्या कर ली। महाराष्ट्र के बाद किसानों की आत्महत्या के सर्वाधिक मामले कर्नाटक (1569), तेलंगाना (1400), मध्य प्रदेश (1290), छत्तीसगढ़ (954), आंध्र प्रदेश (916) और तमिलनाडु (606) में सामने आए।

साल 2015 में कृषि सेक्टर से जुड़ी 12602 आत्महत्याओं में 8007 किसान थे और 4595 कृषि मजदूर। साल 2014 में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 5650 और कृषि मजदूरों की 6710 थी। इन आंकड़ों के अनुसार किसानों की आत्महत्या के मामले में एक साल में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं कृषि मजदूरों की आत्महत्या की दर में 31.5 फीसदी की कमी आई है। रिपोर्ट में उन सभी किसान माना गया है जिनके पास अपना खेत हो या लीज पर खेत लेकर खेती करते हैं। रिपोर्ट में उन लोगों को कृषि मजदूर माना गया है जिनकी जीविका का आधार दूसरे खेतों पर मजदूर के रूप में काम करना है। रिपोर्ट में किसानों और कृषि मजदूरों की आत्महत्या के पीछे कारणों का भी विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार किसानों, कृषि मजदूरों की आत्महत्या के पीछे कंगाली, कर्ज और खेती से जुड़ी दिक्कतें प्रमुख वजहें रहीं। इन तीन कारणों से करीब 38.7 फीसदी किसानों ने आत्महत्या की। आंकड़ों के अनुसार आत्महत्या करने वाले 73 फीसदी किसानों के पास दो एकड़ या उससे कम जमीन थी।

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