मोदी सरकार के इस बजट ने एक बार फिर एग्रीकल्चर को फोकस में ला दिया है। इस बजट ने सबसे बड़ा काम ये किया है की किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के नए नए तरीकों पर चर्चा शुरू हो गई है। ऐसे वक्त में एग्रीनेशन अब हिंदी में आ रहा है। हमारा फोकस भी एग्रीकल्चर है लेकिन दायरा 360 डिग्री है। हम किसानों को उन्हीं की भाषा में हम बताएंगे कि एग्रीकल्चर में क्या क्या नया हो रहा है। साथ ही हम इस सेक्टर से जुड़े सभी विषयों को चर्चा में लाएंगे ।
किसानों के सामने दिक्कतें बहुत हैं , लेकिन यह भी सही है की एग्रीकल्चर सेक्टर में रिसर्च और टेक्नोलॉजी में बहुत काम हो रहा है । हमारा फोकस परेशानियों को सामने लाना है । लेकिन यह भी बता देना है की देश दुनिया में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिये नए नए मौके भी बन रहे हैं । थोड़ी टेक्नोलॉजी , थोड़ी स्मार्टनेस, थोड़ी अतिरिक्त जानकारी मिलकर बहुत सॉलिड मिश्रण बनाती हैं । सरकार भी बहुत कुछ कर रही है और प्राइवेट सेक्टर में भी ऐग्रिकल्चर में बहुत काम हो रहा है । इन नीतियों और मार्किट का फायदा उठाकर कमाई के नए नए मौके बन रहे हैं ।
एग्रीकल्चर का दायरा बहुत बड़ा है। इसमें एग्रीकल्चर के अलावा करीब सात मंत्रालय शामिल हैं। सिंचाई, फूड और सप्लाई, डेयरी, वाणिज्य मंत्रालय, फाइनेंस मंत्रालय और गृहमंत्रालय के साथ राज्यों के मंत्रालय भी आते हैं।
इसी तरह हमारा दायरा भी बहुत बड़ा है। एग्रीनेशन में हम खेती-किसानी के साथ डेयरी, फूड, सेहतमंद खाना, कैश फसल और फूड प्रोसेसिंग समेत तमाम विषयों को शामिल करेंगे।
किसान और उपभोक्ता के बीच बड़ा अजीब सा रिश्ता है। फसलों के दाम बढ़ते हैं तो किसान खुश होता है, लेकिन उपभोक्ता महंगाई की वजह से परेशान होने लगता है। इन दोनों में संतुलन ज़रूरी है । इसी तरह हम भी वादा करते हैं की खबरों और जानकारी के साथ रोचकता का संतुलन बनाये रखेंगे ।
आइये शपथ लें हम अपने भोजन के लिये किसान को धन्यवाद ज़रूर करेंगे ।
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