इन दिनों पूरी दुनिया शुद्ध अनाज, शुद्ध खेती की दीवानी है। खास तौर पर अमेरिका और यूरोप में तो मुहिम चल रही है कि फसल को शुरुआत से ही रासायनिक फर्टिलाइजर और कीटनाशकों से दूर रखा जाए। ऐसे में भारत के किसानों के लिए ऑर्गेनिक फसल नई उम्मीद बन सकती है। ऑर्गेनिक अनाज के लिए लोग दो से तीन गुना दाम देने को भी तैयार हैं। पूरी दुनिया में इसकी मांग है, लेकिन विश्व की खेती वाली कुल जमीन के सिर्फ एक परसेंट हिस्से में ही ऑर्गेनिक खेती होती है।
इसलिए हम इस बार लेकर आ रहे हैं ऑर्गेनिक खेती विशेषांक। इसमें हमने ऑर्गेनिक खेती के बारे में ए टू जेड तमाम पहलू लेने की कोशिश की है। मसलन ऑर्गेनिक खेती कैसे प्रमाणित कराएं, कैसे जैविक खाद बनाएं, वगैरह वगैरह।
इस साल देश में रबी की बंपर फसल हुई है। लेकिन परेशानी की बात है कि इतनी बंपर फसल की खुशी भी किसानों को उत्साहित नहीं कर पा रही है, क्योंकि उन्हें अभी भी आने वाले दिनों अनिश्चितताओं की फिक्र है। यही मौका है जब उनकी दिक्कतों को जमीनी स्तर पर समझा जाए
हमारे सैनिक ऐसा क्या खाते हैं कि जो उनमें साहस और दमखम भर देता है। हमने इसपर डिफेंस फूड रिसर्च लैब के डायरेक्टर से अलग अलग मोर्चे पर डटे सैनिकों के खाने पर खास और रोचक बातचीत की है।
एग्रीकल्चर का एक और अहम पहलू है तेजी से उभर रही फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री। भारत में अभी सिर्फ 6 परसेंट तक भी फूड प्रोसेस्ड होता है जबकि दुनिया में यह स्तर 80 परसेंट तक है। इसी से पता चलता है कि फूड प्रोसेसिंग देश में सबसे तेजी से उभरता हुआ सेक्टर बनकर उभरा है। पतांजलि ने इस सेक्टर में जोरदार पकड़ बना ली है। इसलिए तो पतांजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण के मुताबिक उन्हें लगता है कि भारत की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री सबसे ज्यादा कमाई और रोजगार देने वाली इंडस्ट्री बनेगी, जो किसानों की आय को दोगुना नहीं बल्कि कुछ सालों में चार गुना तक बनाने का दम रखती है।
हर बार हमारी यही कोशिश है कि हम खेती-किसानी और उससे जुड़े कॉरपोरेट पहलू सामने रखें। इस अंक में और भी बहुत कुछ है।
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