एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ, 30 मई 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडी एक्ट में संशोधन कर दिया है। मंडी खोलने के इच्छुक प्राइवेट सेक्टर के लोगों को आवेदन करना होगा। मानक पूरे होने पर सरकार उनको मंडी शुरू होने की इजाजत दे देगी। सरकार ने यह बदलाव किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से किया है। यह कहना है प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद का। अमित मोहन सोमवार को आईवीआरआई में आयोजित बरेली-मुरादाबाद मंडल की खरीफ गोष्ठी में शिरकत करने बरेली आए थे।
प्रमुख सचिव ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास कर रही है। पहली बार प्राइवेट सेक्टर को मंडी खोलने की अनुमति देने के लिए एक्ट में संशोधन किया गया है। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। अमित मोहन ने किसानों से बुंदेलखंड की तरह क्लस्टर फार्मिंग करने का सुझाव दिया। फसल की सुरक्षा के लिए शासन बायोफेंसिंग कराएगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि किसानों को अपनी फसल को पूरे देश में कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता है। किसान बेहतर भाव लेने के लिए अपने उत्पाद को कहीं भी ले जा सकते हैं। किसान अपने उत्पाद सीधे खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को सीधे बेच सकते हैं। किसान को उपभोक्ताओं को भी अपने उत्पाद बेचने की छूट है। किसानों को कोई मंडी शुल्क नहीं देना होगा।
प्रमुख सचिव ने गिरते भूजल स्तर पर चिंता जाहिर की। डार्कजोन में आने वाले जिलों में खेतों में तालाब बनाने की सलाह दी, जिसपर 50 फीसदी अनुदान सरकार देगी। प्रमुख सचिव ने धान की सीधी बुवाई की तकनीकी के बारे में जानकारी दी। ड्रम सीडर पर अनुदान दिया जाता है। इस विधि लागत कम आती है। प्रमुख सचिव ने यूरिया के दाम दूसरों प्रदेशों के समान कराने के लिए सीएम से बात करने का भरोसा किसानों को दिया। सिंचाई के लिए स्प्रिकलर तकनीक को अपनाने की अपील किसानों को की। ताकि कम पानी में ज्यादा सिंचाई हो सके। स्प्रिकलर सेट पर 90 फीसदी तक अनुदान दिया जाता है।
————————————————————————————————————————————-