एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
पटना. 8 जून 2018
जम्मू कश्मीर सरकार एनआईसी लीची की प्रेरणा से जम्मू के मैदानी इलाके में लीची गांव बसाने की योजना पर कार्य कर रही है। पहले चरण में वहां एक गांव के 80 हेक्टेयर में लीची के बाग लगाये जायेंगे। आगे उसका विकास किया जाएगा। ये बातें जम्मू-कश्मीर के उद्यान विभाग से आये उद्यान विकास पदाधिकारी संजीव गुप्ता ने कही। वे बुधवार को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के 18वां स्थापना दिवस समारोह में संबोधित कर रहे थे। निदेशक डॉ. विशालनाथ की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में वैज्ञानिकों ने 18 वर्षों में केंद्र की प्रगति और उपलब्धियों की चर्चा की।
वैज्ञानिक डॉ. अमरेंद्र कुमार, डॉ. आरके पटेल, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र ने चहारदीवारी, कार्यालय, प्रयोगशाला भवन, आवासीय परिसर के साथ लीची पर अनुसंधान के मामले में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। केंद्र परिसर में अब लीची विभिन्न किस्मों की लीची की बागवानी है। यहां लीची की तीन नई प्रजाति का विकास किया गया है। लीची की जैविक व उन्नत खेती, पुराने बागों का जीर्णोद्धार, बेहतर बाग प्रबंधन, तोड़ने से पहले और बाद में प्रबंधन, समेकित कीट प्रबंधन, फलों का प्रसंस्करण, उन्नत कृषि क्रियाएं आदि का विकास किया गया है। इन तकनीकों का जिला सहित देशभर में सफलतापूर्वक प्रसार किया गया है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि केंद्र की स्थापना से पहले 56 हजार हेक्टेयर के बाग से तीन लाख टन लीची का उत्पादन होता था। आज देश में 94 हजार 300 हेक्टेयर में लीची के बगान लगाये जा चुके हैं। उत्पादन बढ़कर 6.5 लाख टन हो गया है। टिश्यू कल्चर में बेहतर कार्य हुआ है।
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