एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई. 9 जुलाई 2018
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार किसानों को और भी कई तरह की छूट दे सकती है। ऐसे में किसानों की कर्ज माफी का बोझ 40 अरब डॉलर यानी 2754 अरब रुपये से ज्यादा हो जाएगा। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के डेढ़ प्रतिशत से भी ज्यादा राशि है।.
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारें वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ग्रामीण क्षेत्र में असंतोष शांत करने के लिए कई कदम उठाएंगी। ऐसे में काफी संभावना है कि किसानों की कर्ज माफी का आंकड़ा 40 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब इसी सप्ताह कर्नाटक की सरकार ने किसानों की बड़ी कर्ज माफी का ऐलान किया है, जबकि केंद्र सरकार ने भी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी वृद्धि कर दी है।
आय दोगुनी करना चुनौती
महंगाई और राजकोषीय घाटे के कारण वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना बड़ी चुनौती होगी।
कृषि आय में इजाफा
रिपोर्ट का कहना है कि कर्ज माफी के साथ एमएसपी में बढ़ोतरी लागू होने से कृषि आय में निश्चित तौर पर इजाफा होगा। इससे ग्रामीण मांग भी बढ़ेगी लेकिन बारिश इसमें बड़ी भूमिका निभा सकती है। अगर कर्ज माफी जीडीपी के 1.5 फीसदी के बराबर होगी तो वित्त वर्ष 2018-20 तक कृषि आय तीन फीसदी बढ़ सकती है।
फॉर्मूला पसंद आया
बोफाएमएल ने अपनी रिपोर्ट में किसानों की कर्ज माफी में खर्च हुए धन को जुटाने के लिए कर्नाटक सरकार के फॉर्मूले को सही बताया और इसे देशभर में लागू करने की बात कही। कर्नाटक सरकार ने कर्ज माफी के धन को पेट्रोल-डीजल और शराब पर ज्यादा कर लगाकर वसूलने की बात कही है।
मुख्य बिंदु
34 हजार करोड़ रुपये का कृषि कर्ज माफ किया कर्नाटक सरकार ने पिछले दिनों
02 लाख रुपये तक के सभी किसानों के कर्ज पूरी तरह माफ हो गए कर्नाटक में
10 फीसदी बढ़ जाएगी खरीफ की कृषि आय एमएसपी में बढ़ोतरी होने के बाद
—————————————————————————————————————————————–