एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली: 20 फरवरी 2018
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज कृषि भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय कृषि बाजार(ई-नाम) प्लेटफार्म को और अधिक यूजर्स फ्रेंडली बनाने के लिए इसकी 6 नई विशेषताएं लांच की। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे। ई-नाम योजना भारत सरकार की प्रमुख और महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है जिसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किसानों को उनकी उपज का ऑन-लाइन प्रतिस्पर्धात्मक बोली द्वारा बेहतर मूल्य् दिलाने के उद्देश्य से क्रियान्वित किया जा रहा है।
ई-नाम वेबसाइट अब आठ स्थानीय भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगु, बंगाली और उड़िया) में उपलब्ध है तथा लाइव ट्रेडिंग सुविधा भी छह भाषाओं (हिंदी,अंग्रेजी, बंगाली, गुजराती, मराठी और तेलुगु) में उपलब्ध है।
अब ई-नाम पोर्टल को नई और यूजर फ्रेंडली सुविधाओं जैसे कि बेहतर विश्लेषण के लिए एमआईएस डैशबोर्ड, व्यापारियों को भीम एप द्वारा भुगतान की सुविधा, व्यापारियों को मोबाइल भुगतान की सुविधा, मोबाइल एप पर विस्तृ्त सुविधाएं जैसे कि गेट एंट्री और मोबाइल के जरिए पेमेंट, किसानों के डाटाबेस का एकीकरण, ई-नाम बेवसाइट में ई-लर्निंग मॉड्यूल आदि को शामिल करते हुए इसे और अधिक सुदृढ़ बनाया जा रहा है ।
- ई-नाम मोबाइल एप:
मोबाइल एप का कई तरीके से संवर्धन किया जा रहा है ताकि किसानों और व्या पारियों के लिए सभी प्रक्रिया सुविधाजनक बन सके। मोबाइल एप को बहुभाषायी बनाया गया है। अब मंडी प्रचालकों (ऑपरेटर्स) द्वारा गेट एंट्री का महत्वपूर्ण कार्य सीधे ई-नाम मोबाइल एप से किया जा सकता है। इससे किसानों को मोबाइल एप पर अग्रिम रूप से गेट एंट्री करने की सुविधा उपलब्ध होगी और परिणामस्वरूप मंडी आने वाले किसानों का काफी समय बचेगा तथा गेट एंट्री और आवक सूचना आसानी से दर्ज की जा सकेगी। किसानों के लिए एक नई सुविधा शुरू की गई है जिसमें वे अपनी फसल के क्रय-विक्रय तथा मूल्य संबंधी जानकारी की प्रगति को भी अपने मोबाइल एप पर देख सकेंगे।
व्यापार के दौरान फसल की गुणवत्ता संबंधी जानकारी को देखने की सुविधा व्यापारियों को मोबाइल एप पर उपलब्ध कराई गई है। अब व्यापारी (क्रेता) ई-नाम मोबाइल एप से डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग के माध्यम से भी ऑन-लाइन भुगतान कर सकता है। इससे खरीददारों के लिए धनराशि को एप के माध्यम से सीधे ट्रांसफर करना आसान होगा और व्यापारियों के लिए भी किसानों को ऑनलाइन भुगतान करना आसान हो जाएगा। इसके अलावा, किसान को उनके बैंक खाते में भुगतान प्राप्त होने के संबंध में एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा जिससे किसानों को भुगतान संबंधी सूचना मिल सकेगी।
2):भीम एप से भुगतान सुविधा :
वर्तमान में ई-नाम पोर्टल किसानों को आरटीजीएस/पेमन्ट, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से सीधे आनलाइन भुगतान करने की सुविधा देता है। भीम के जरिए यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सुविधा किसानों को भुगतान करने की प्रकिया को आसान बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे खरीददारों के अकाउंट से भुगतान लेकर उसे पूल अकाउंट में डालने तथा किसानों को भुगतान वितरण करने में लगने वाले समय में कमी आएगी।
3) ई-लर्निंग माड्यूल सहित नवीन और समुन्नत वेबसाइट:
समुन्नत और अधिक सूचनापरक सुविधाओं जैसे कि गेट एंट्री पर ई-नाम मंडियों की वर्तमान स्थिति, नवीनतम घटनाओं की सूचना, डायनामिक ट्रेनिंग केलेंडर आदि के साथ एक नई वेबसाइट विकसित की गई है। इसके अलावा, हिन्दी भाषा में ई-लर्निंग माड्यूल डिजाइन किया गया है और उसे वेबवाइट पर उपलब्ध कराया गया है, ताकि विभिन्न हित धारक इस सिस्टम को प्रयोग करने के बारे में ऑन-लाइन सीख सकें और अपनी सुविधा अनुसार इस सिस्टम में लगातार प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। वर्तमान में यह माड्यूल हिन्दी में उपलब्ध है।
4) एमआईएस डैशबोर्ड :
बिजनेस इंटेलीजेंस आधारित एमआईएस डैशबोर्ड फसल की आवक और व्यापार के संबंध में प्रत्येक मंडी के कार्य निष्पादन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगा । इससे मंडी बोर्ड के अधिकारियों तथा मंडी सचिव को, प्रत्येक मंडी की दैनिक, साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक तुलनात्मक कार्य निष्पादन की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। इस से अधिकारी और मंडी सचिव जिंस व राज्य स्तर पर वास्तविक व्यापार विश्लेषण करने में समर्थ हो सकेंगे। इसके अलावा, मंडी बोर्ड और मंडी सचिव को अपने ऑपरेशन के पोस्ट ऐतिहासिक विश्लेषण और कार्य की योजना तैयार करने व समन्वित करने में भी मदद मिलेगी।
5) मंडी सचिवों के लिए शिकायत निवारण प्रबंधन प्रणाली :
इस सिस्टम द्वारा मंडी सचिव को पोर्टल/सॉफ्टवेयर और उसके प्रचालन से सम्बन्धित तकनीकी मुद्दे उठाने तथा उनके प्रश्नों के निवारण की ऑन-लाइऩ निगरानी करने में भी मदद मिलेगी।
6) किसान डेटाबेस का एकीकरण
ई-नाम को सेंट्रल फार्मर डेटाबेस के साथ जोड़ा गया है ताकि पंजीकरण की प्रक्रिया ज्यादा आसान हो सके तथा मंडी गेट पर आवक के दौरान किसान की पहचान आसानी से की जा सके। इससे गेट एंट्री स्तर पर कार्यक्षमता बढ़ेगी और कतार समय(क्यू टाइम) में भी कमी आएगी। इसके अलावा, रबी और खरीफ की अधिक आवक के समय अधिक कार्य क्षमता के साथ गेट स्तर पर लोड को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी और एंट्री गेट पर किसानों के अपनी उपज के साथ प्रतीक्षा करने के समय में कमी आएगी।
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