एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
रायपुर. 09 फरवरी 2018
कृषि पढ़ाई के इच्छुक छात्रों के लिए यह अच्छी खबर है। इस साल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर से जुड़े सरकारी कृषि महाविद्यालयों में 100 सीटें बढ़ेंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन सरकारी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर कॉलेजों की सीटों में इजाफा करने की तैयारी कर रही है। इनमें नए कृषि व उद्यानिकी कॉलेज शामिल है, जहां की सीट 48 से बढ़ाकर 60 करने का प्रस्ताव है। विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल में मंजूरी के लिए इसे रखा जाएगा। काउंसिल की मंजूरी के बाद छत्तीसगढ़ में इस साल बीएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर की सीट 1490 से बढ़कर 1590 हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों में कृषि व उद्यानिकी की पढ़ाई के लिए छात्रों का रुझान बढ़ा है। एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली प्री एग्रीकल्चर टेस्ट (पीएटी) में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के माध्यम से होने वाली पीएटी परीक्षा के लिए इस साल 46 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। यानि हर सीट के लिए 30 से अधिक छात्रों का मुकाबला होगा।
इसकी तुलना में इंजीनियरिंग व फार्मेसी प्रवेश के लिए महज साढ़े 31 हजार आवेदन आए थे। इसमें से भी 28 हजार छात्र ही परीक्षा में शामिल हुए हैं। जबकि राज्य में इंजीनियरिंग की करीब 20 हजार सीटें है। इंजीनियरिंग में छात्रों के घटते रुझान के चलते राज्य के कई इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटें आधी भी नहीं भर पा रही हैं।
निजी कॉलेजों का भी सीटें बढ़ाने प्रस्ताव
विश्वविद्यालयीन सूत्रों के मुताबिक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से जुड़े राज्य के निजी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर कॉलेज प्रबंधनों ने भी विश्वविद्यालय प्रबंधन को अपनी सीटें बढ़ाने प्रस्ताव दिए हैं। इस पर विश्वविद्यालय प्रबंधन विचार कर रही है। वहीं इन कॉलेजों में फैकल्टी सहित अन्य सुविधाओं के अभाव की वजह से इस पर अड़चने आ सकती है। हाल ही में विश्वविद्यालय छात्रसंघ के छात्रों ने राज्यपाल से मिलकर निजी कॉलेजों की कमियां बताते हुए, इनकी सीटें नहीं बढ़ाने का अनुरोध भी कर चुके हैं। ऐसे में निजी कॉलेजों की सीटों में बढ़ोतरी थोड़ी मुश्किल है।
विश्वविद्यालय से संबद्ध नए एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर कॉलेजों की करीब 100 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय में आए हैं। इस पर अभी एकेडमिक काउंसिल की मंजूरी बाकी है।
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