2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि बजट को दोगुना किया- प्रधानमत्री

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2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि बजट को दोगुना किया- प्रधानमत्री

एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली. 20 जून 2018

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है  कि उनकी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।    मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 600 से अधिक जिलों के किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि कृषि आय बढ़ाने के लिए सरकारी नीति में चार बड़े कदम ‘ लागत खर्च में कटौती , फसलों की उचित कीमत , उत्पादों को खराब होने से बचाना तथा आय के वैकल्पिक स्रोत सृजित करना  उठाये गये हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पहले चार सालों के दौरान पूवर्वर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पांच सालों की तुलना में कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 2018-19 के बजट में किसानों को उनकी लागत के 150 प्रतिशत के समतुल्य कीमत दिलाने के लिए कदम उठाये गये हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में न सिर्फ अनाज बल्कि फल, सब्जियों और दूध का भी रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। देश के किसानों को फसलों की उचित कीमत मिले, इसके लिए इस बार के बजट में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया

मोदी ने कहा, ”हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि हमारे मेहनती किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो जाए। इसके लिए हम जहां भी जरूरत पड़े , समुचित मदद उपलब्ध करा रहे हैं। हमें देश के किसानों पर भरोसा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में न सिर्फ रिकार्ड फसल उत्पादन हो रहा है बल्कि दूध , फल और सब्जियों का उत्पादन भी सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। 2010 से 2014 के बीच औसतन 25 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2017-18 में 28 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। दालों का उत्पादन भी 10.5 प्रतिशत बढ़ा है।
मोदी ने किसानों को बुवाई से ले कर उनके उत्पाद बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया में मदद के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की योजना की बात करते हुए कहा, ”हमारा प्रयास किसानों को कृषि के हर चरणों ‘ बुवाई , बुवाई के बाद तथा कटाई  में सहायता मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जा रहा है जिससे उन्हें उनकी जमीन की उर्वरता की जानकारी दी जा सके तथा उर्वरकों के इस्तेमाल के बारे में सलाह दी जा सके।

इसके बाद उन्हें ऋण मुहैया कराया जा रहा है जिससे वे अच्छी गुणवत्ता के बीज खरीद सकें। उन्होंने कहा कि नीम कोटिंग यूरिया ने उर्वरक की कालाबाजारी पर रोक सुनिश्चित की है और किसानों को बिना किसी दिक्कत के इसकी उपलब्धता होने लगी है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ई – नाम शुरू किया गया है जिससे बिचौलियों को दूर किया जा सका

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प को 2022 तक पूरा करने के लिए केंद्रीय बजट में खेती को दिए जाने वाले धन को भी दोगुना कर दिया है। कांग्रेस की यूपीए सरकार ने जहां 2009 से 2014 के दौरान मात्र 1 लाख 21 हजार 82 करोड़ रुपये दिए थे, वहीं पीएम मोदी ने 2014-18 के बीच, 2 लाख 11 हजार 694 करोड़ रुपये दे दिए।

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