संजीव पांडेय
ऊंटनी का दूध पीजिए और डायबिटीज, लीवर और किडनी के रोगों पर काबू कीजिए। लंबे वक्त तक चली रिसर्च के बाद अब करीब करीब तय हो गया है कि ऊंटनी का दूध सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। ताजा रिसर्च के बाद फूड की गुणवत्ता पर नजर रखने वाली एजेंसी FSSAI यानी फूड एडमिनिस्ट्रेटर ने इसे आहार का दर्जा दे दिया है। यानी खाने-पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके फौरन बाद देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी अमूल ने ऐलान किया है कि वो दो माह के अंदर ऊंटनी का दूध लॉन्च कर देगी।
ऊंटनी का दूध के लिए प्लांट तैयार : अमूल
अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर आर एस सोढ़ी के मुताबिक ऊंटनी के दूध का प्रोसेसिंग प्लांट गुजरात के कच्छ में तैयार हो गया है। अमूल इसे हेल्थ सेगमेंट के तहत उतारेगा। बाजार में सबसे पहले ऊंटनी का दूध अहमदाबाद में उतारा जाएगा। सोढ़ी के मुताबिक इसके बाद मुंबई और फिर दिल्ली के बाजार में इसे उतारा जाएगा। अगर सब योजना के मुताबिक चला तो साल के अंत तक कई और शहरों में भी अमूल ऊंटनी के दूध को लॉन्च कर देगा। आधा लीटर के पैक में ऊंटनी का दूध बेचा जाएगा।
ऊंटनी दूध के स्टैंडर्ड तय
फूड कंट्रोलर FSSAI के चेयरमैन पवन अग्रवाल के मुताबिक ऊंटनी के दूध के लिए मानक बनाने में दो साल लगे। लेकिन मानक तय होने से ऊंटनी के दूध की क्वालिटी सुनिश्चित होगी और इसकी बेहतर मार्केटिंग में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर लंबे वक्त से ऊंटनी के दूध को आहार का दर्जा दिलाने की मांग कर रहा था। अनुसंधान केंद्र के मुताबिक ऊंटनी के दूध पर रिसर्च में कई चौकाने वाले बातें सामने आई हैं। इसका नियमित इस्तेमाल कई रोगों से बचा सकता है। खासतौर पर बच्चों के लिए बहुत ही गुणकारी माना गया है।
कई रोगों के बचाता है ऊंटनी का दूध
ऊंटनी के दूध को ऑलराउंडर कहा जा सकता है। सिर से पैर तक हर अंग के लिए फायदेमंद है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। लेकिन दिमागी बीमारी के लिए तो इसे अचूक दवा माना जाता है। बीकानेर के ऊंट अनुसंधान केंद्र की रिसर्च के मुताबिक ऊंटनी का दूध मंद बुद्धि बच्चों के लिए अमृत है। इसलिए ऊंट रिसर्च केंद्र ने ऊंटनी के दूध से बने कई प्रोडक्ट भी बाजार में उतारे हैं। ऊंटनी का दूध पॉपुलर होने से ऊंट पालने वाले किसानों को बहुत फायदा हो सकता है। ऊंट अनुसंधान केंद्र ने पंजाब के फरीदकोट में स्पेशल चिल्ड्रन के एक केंद्र में बच्चों को ऊंटनी का दूध पिलाया तो उसके चौंकाने वाले नतीजे आए। यहां 10 बच्चों को लगातार तीन माह तक ऊंटनी का दूध दिया गया। इन बच्चों को रोजाना 300 मिलीलीटर सुबह और इतना ही शाम को दूध देने से बच्चों में दूसरे मंदबुद्धि बच्चों के मुकाबले ज्यादा विकास देखा गया।
ऊंटनी के दूध के अन्य फायदे
नियमित इस्तेमाल से बच्चों का दिमागी विकास सामान्य बच्चों के मुकाबले ज्यादा तेजी से होता है। यही नहीं उनकी सोचने-समझने की क्षमता भी सामान्य लोग से अच्छी होती है। यह बच्चों को एक कुपोषण से भी बचाता है, आसानी से पच जाता है। इसमें संतुलित मात्रा में शुगर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। साथ ही फाइबर, लैक्टिक एसिड, आयरन, मैग्निशियम, विटामिन ए , विटामिन ई , विटामिन बी-2, विटामिन सी , सोडियम, फास्फोरस ,पोटैशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीज समेत तमाम जरूरी मिनरल होते हैं। ये सभी शरीर को निरोगी बनाने के लिए जरूरी हैं। कैल्शियम भी बड़ी मात्रा में होता है जो हड्डियां मजबूत बनाता है। यही नहीं इसमें लेक्टोफेरिन होता है जो शरीर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने की क्षमता पैदा करता है। यह खून से नुकसानदायक पदार्थ दूर करता है। लीवर को साफ करता है और पेट की कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। डायबिटीज से निपटने में ऊंटनी का दूध बहुत ज्यादा फायदेमंद है। ऊंटनी के एक लीटर दूध में करीब 52 यूनिट इंसुलिन पाई जाती है। इंसुलिन शुगर कंट्रोल करने में फायदेमंद होता है। इसके अलावा शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में उपयोगी होता है। इससे शरीर को संक्रामक रोगों से बचाने में मदद मिलती है। डायबिटीज के अलावा इंफेक्शन रोकने में भी फायदेमंद है।किडनी और लीवर की बीमारियों को दुरुस्त करने में बहुत उपयोगी होता है। इसके अलावा टीबी, हैपेटाइटिस-सी, एड्स, अल्सर, हृदय रोग, गैंगरीन, जैसी बीमारियों से शरीर का बचाव करता है। सुंदरता के लिए भी ऊंटनी का दूध फायदेमंद है। ये स्किन निखारने का काम करता है। इसीलिए कॉस्मेटिक में इसका बहुत इस्तेमल होता है। जिन लोगों को बहुत थकान होती है वो लोग इसका इस्तेमाल करें तो उन्हें दिनभर काम करने की क्षमता देता है।
ऊंटनी का दूध के इतने फायदे को देखते हुए इसे सेहत के लिए बहुत उपयोगी कहा जा सकता है। यही वजह है कि ICAR और NRCC इस कोशिश में जुटे हैं कि ऊंट को दुधारू पशु घोषित कर दिया जाए। ऊंटनी के दूध के बारे में दुनिया के कई देशों में प्रयोग हुए हैं । अमेरिकी ऊंट संस्था की फाउंडर मिली हिंकल के मुताबिक ऊंटनी के दूध का खेमिकल स्ट्रक्चर ऐसा है जो मानव शरीर में आसानी से घुल जाता है । हिंकाल के मुताबिक ऊंटनी के दूध पर अब तक हुए ज़्यादातर प्रयोगों के नतीजे बहुत शानदार रहे हैं । अमेरिकी फूड कंट्रोलर ने लोगों को ऊंटनी का दूध पीने की मंजूरी दे दी है, लेकिन इम्पोर्ट की मंजूरी नहीं दी है । इसी तरह ब्रिटैन में भी ऊंटनी का दूध बेचने की इजाज़त मिल गयी है । ज़ाहिर है सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के विकसित देशों में भी ऊंटनी के दूध की उपयोगिता पर कोई असमंजसता नहीं है । इसलिये उम्मीद है की अमूल की तरफ से लांच होने के बाद दूसरी डेरी कंपनियां भी इस तरफ रुख करेंगी ।
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