एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
पटना. 9 अगस्त 2018
एपीडा बिहार से मखाना के निर्यात में होने वाली सभी प्रकार की समस्याओं के निदान के लिए हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। एपीडा की समिधा गुप्ता ने मखाना व्यपारियों, मखाना उत्पादक किसानों एवं मखाना निर्यातकों को इस बाबत आश्वस्त किया |
बिहार का मखाना प्रदेश और देश से निकल कर विदेश कैसे पहुंचे इस विषय पर चर्चा करने के लिए भोला पासवान कृषि कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय कुमार सिंह ने की। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर डॉ. आरके. सोहाने, समिधा गुप्ता सहायक महाप्रबंधक एपीडा, डॉ. पंकज कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली एवं प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार के अलावा दिल्ली, अंबाला और कोसी सीमांचल से आये मखाना व्यापारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ.) अजय कुमार सिंह ने कहा कि आने वाले समय में मखाना उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने में मखाना की उन्नतशील प्रजाति सबौर मखाना- 1 एवं मखाना उत्पादन तकनीकी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने मखाना वैज्ञानिकों की टीम को निर्देश दिया कि वर्ष में दो बार मखाना उत्पादन किस प्रकार किया जाय, इस पर विशेष शोध करें। साथ ही खेत पर जाकर किसानों को जागरूक करें। ताकि किसान इस पद्धति को अपना कर मुनाफे को बढाएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वो मखाना का न्यूनतम मूल्य निर्धारण के साथ-साथ मखाना की खेती का विस्तार के लिए सरकार द्वारा मखाना की खेती में अनुदान का प्रावधान एवं मखाना कोरिडोर परियोजना को जल्द लागू कराने की कोशिश करेंगे।
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