एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली. 4 सितम्बर 2018
खरीफ के इस सीजन में एक अच्छी खबर है और एक कुछ बुरी. अच्छी खबर ये है कि खरीफ की मुख्य फसल धान की बुआई का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ गया है. लेकिन दलहन, मोटे अनाजों और कपास का की बुआई पिछले साल के मुकाबले कम हुई है.
इस बार किसानों को तिलहन से काफी उम्मीदें हैं जिसका रकबा पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 2.5 परसेंट ज्यादा है. लेकिन कुलमिलाकर खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल से थोड़ा कम ही है.
एग्रीकल्चर मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 (जुलाई-जून) के खरीफ सीजन में अब तक देशभर में खरीफ फसलों का रकबा 1,022.87 लाख हेक्टेयर है, जोकि पिछले साल इसी अवधि के मुताबिक सिर्फ 0.41 फीसदी कम है.
खरीफ फसलों की अब तक बुआई
– कुल बुआई- 1022.87 लाख हेक्टेयर
– धान- 369.98 लाख हेक्टेयर
– दलहन- 132.66 लाख हेक्टेयर
– मोटे अनाज- 172.31 लाख हेक्टेयर
– तिलहन- 171.30 लाख हेक्टेयर
– जूट और मेस्ता- 7.01लाख हेक्टेयर
– कपास- 117.66 लाख हेक्टेयर
मॉनसून का हाल
हालांकि अब मॉनसून की रफ्तार कम होने लगी है. 23 अगस्त से 29 अगस्त के बीच देशभर में औसत बारिश 49.9 मिलीमीटर हुई जबकि इस अवधि में बारिश का सामान्य औसत 53 मिलीमीटर है यानी पिछले हफ्ते देशभर में औसत से छह फीसदी कम बारिश हुई.
पूरे मानसून सीजन में अब तक यानी एक जून से लेकर 29 अगस्त के दौरान औसत बारिश 655 मिलीमीटर हुई जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान का औसत 700.3 मिलीमीटर रहता है. मतलब अगस्त के आखिर तक मानसून सीजन की बरसात औसत से छह परसेंट कम रही.
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