एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क
रांची. 9 जुलाई 2018
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में रविवार को कृषि संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने दौरा किया। समिति के सदस्यों ने भू-विज्ञान केंद्र, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, पॉलट्री फार्म, सुकर फार्म आदि विभागों का जायजा लिया।
दौरा करने के बाद समिति ने बीएयू के कृषि वैज्ञानिकों व शिक्षकों के साथ बैठक कर आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा आमदनी हो सके। किसानों को समय के साथ अपडेट करने पर भी चर्चा की गई। समिति के चेयरमैन हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि हर छोटे-बड़े किसानों को साथ लेकर चलना होगा, तब ही देश का विकास हो सकता है। विवि के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान का मतलब है कि किसानों की समस्या को कम करना, उनके दर्द को दूर करना और कृषि से उनकी आमदनी बढ़ाने के उपाय निकालना। इन सब बिंदुओं पर काम करना होगा। उन्होंने किसानों को भी कृषि के आधुनिक तकनीक से जुड़ने का संदेश दिया, जिससे उन्हें होने वाली समस्या से निजात मिल सके।
बीएयू को उन्होंने सलाह दी कि वे पारंपरिक कृषि को लेकर एक राष्ट्रीय स्तर पर संग्रहालय का निर्माण करवाएं। जहां खेती के लिए छोटे से छोटे उपयोग होने वाले कृषि सामानों को रखा जाए, जिसमें विभिन्न राज्यों के कृषकों के काम करने के तरीके व उनकी सभ्यता दिख सके।
इस मौके पर विवि कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने संस्थान की गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में विवि द्वारा हो रहे कार्यों से रू-ब-रू कराया। उन्होंने बताया कि कैसे विवि गांव, प्रखंडों में जाकर किसानों के बीच कृषि के विकसित तकनीक के बारे में जानकारी दी जाती है।
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