पान कृषि को राष्ट्रीय बागवानी में शामिल करने की मांग

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पान कृषि को राष्ट्रीय बागवानी में शामिल करने की मांग

 एग्रीनेशन न्यूज़ नेटवर्क

महोबा. 31 जुलाई 2018

सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने से पान कृषक पूरी तरह मायूस है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा है। जिसमें कहा है कि पान कृषि को राष्ट्रीय बागवानी में शामिल किया जाए। जिससे पान कृषकों को योजनाओं का लाभ मिल और उनके परिवारों का भरण पोषण हो सके।

राष्ट्रीय पान किसान यूनियन के बुंदेलखण्ड प्रभारी डॉ. रामसेवक चौरसिया, जिलाध्यक्ष लालता प्रसाद चौरसिया, दिनेश चौरसिया, आशीष चौरसिया आदि ने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि अपना राष्ट्र कृषि प्रधान होने के साथ पान कृषि भी देश की प्रमुख नगदी बागवानी फसल है। जो लगभग 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 50 लाख परिवारों से अधिक कृषकों की रोजी-रोटी का माध्यम है। पान कृषि अत्यन्त जोखिम भरा कार्य लेकिन इसके बाद भी सरकारी सुविधाओं के अभाव में लाभप्रद नहीं हो पा रही है। पान कृषि में फसल बीमा योजना भी लागू नहीं है। पान कृषि बागवानी फसल होने के कारण पान अभी भी व आदिकाल से बागानों, बरेजों, भीटों में उगाया जाता है लेकिन अभी तक इसे राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में शामिल नहीं किया जा सका है। जिससे देश के समस्त पान कृषक इससे मिलने वाले लाभ से वंचित है। जिसे वह अपना दुर्भाग्य महसूस कर रहे है। मांग की है कि देश के गरीब पान कृषकों के हितों को ध्यान रखते हुए पान कृषि को राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में शामिल करके बीमा लाभ से वंचित फसल बीमा योजना द्वारा भी लाभान्वित किया जाए।